क्रूड ऑयल से भी चल सकेंगी गाड़ियां, जानें क्या है Flex Fuel Engines और क्या है नितिन गडकरी की प्लानिंग
गडकरी ने दावा किया कि सभी वाहन निर्माताओं के लिए फ्लेक्स-फ्यूल इंजन अनिवार्य करने के बाद वाहनों की कीमत नहीं बढ़ेगी.
बढ़ती महंगाई के इस दौर में पेट्रोल डीजल की आसमान छूती कीमतों से आनेवाले समय में छुटकारा मिलने की उम्मीद जगती दिखाई दे रही है. क्योंकि अब सरकार वाहन निर्माताओं से गाड़ियों में Flex Fuel Engines लगाने के लिए कहनेवाली है. अगर सरकार की प्लानिंग साकार होती है तो जल्द ही गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल के अलावा सीधे क्रूड ऑइल का इस्तेमाल किया जा सकेगा.
ऑटोकार इंडिया अवार्ड्स में बोलते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने भारतीय कार निर्माता कंपनियों से आग्रह किया है कि वो अपने वाहनों में फ्लेक्स फ़्यूल इंजन का इस्तेमाल करें. सरकार पेट्रोल और डीजल पर अपनी निर्भरता को किसी भी तरह से कम करने की कोशिश कर रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार सभी वाहन निर्माताओं से यूरो-सिक्स उत्सर्जन नियमों के अनुसार अगले छह से आठ महीनों में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन बनाने के लिए कहेगी.
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'मैं आदेश जारी करूंगा. आनेवाले समय में देश में तैयार होनेवाले वाहनों में न सिर्फ पेट्रोल इंजन होगा बल्कि फ्लेक्स-फ्यूल इंजन भी होगा. इसलिए लोग ईंधन के रूप में 100 प्रतिशत कच्चे तेल का उपयोग कर सकेंगे.
कैसे काम करता है ये इंजन
सबसे पहले आपको बता दें कि, ये सामान्य इंटर्नल कम्ब्यूशन इंजन (ICE) इंजन जैसा ही होता है, लेकिन ये एक या एक से अधिक तरह के फ़्यूल से चलने में सक्षम होता है. कई मामलों में इस इंजन को मिक्स फ़्यूल (मिश्रित ईंधन) का भी इस्तेमाल किया जाता है. सामान्य भाषा में समझें तो इस इंजन में पेट्रोल और इथेनॉल या मेथनॉल के मिश्रण का भी प्रयोग किया जा सकता है. इस इंजन में Fuel Misture Sensor का इस्तेमाल होता है जो कि मिक्सर में ईंधन की मात्रा के अनुसार खुद को एड्जेस्ट कर लेता है. अगले 15 सालों में भारतीय ऑटोमोटिव सेक्टर का टर्नओवर बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. गडकरी ने दावा किया कि सभी वाहन निर्माताओं के लिए फ्लेक्स-फ्यूल इंजन अनिवार्य किए जाने के बाद भी वाहनों की कीमत नहीं बढ़ेगी.
सरकार घटाएगी पट्रोल-डीजल के दाम
ईंधन की कीमतों में वृद्धि ने देश के नागरिकों के बीच चिंता बढ़ा दी है. हालांकि, दिवाली के दौरान मोदी सरकार इस संबंध में राहत दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक दिवाली के दौरान ईंधन की कीमतों में कमी आ सकती है. मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है तो ईंधन की कीमतों में कम से कम दो से तीन रुपये की गिरावट आ सकती है.
जनवरी से अब तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 35 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है. ऐसे में नागरिकों में आक्रोश का माहौल है. ऐसे में सरकार पब्लिक के गुस्से को शांत करने के लिए इनके दामों को कम सकती सकती .
इन देशों में शुरू हो चुका है इस्तेमाल
बता दें कि Flex Fuel Engines वर्तमान में ब्राजील, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका में बडे पैमाने पर बनाए जाते हैं. यह ड्राइवरों को 100% पेट्रोल या 100% बायो-एथेनॉल का इस्तेमाल करने का विकल्प देता है.
नितिन गडकरी ने कहा, केंद्र सरकार ने अगले दो साल में पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा है, ताकि भारत को कम तेल आयात करना पड़े. 2015 में पेट्रोल में एक से डेढ़ फीसदी एथेनॉल था. फिलहाल यह आंकड़ा 8.5 फीसदी है. पेट्रोल और इथेनॉल का मिश्रण ईंधन की गुणवत्ता में सुधार करता है. साथ ही, उत्पादन की लागत कम है और प्रदूषण कम है.
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03:33 PM IST