अगर आपको लगता है कि आपकी होम लोन की ब्याज दरें काफी ज्यादा हो गई हैं, तो आप होम लोन रीफाइनेंसिंग का विकल्प चुन सकते हैं. इसमें कम ब्याज दर पर नया लोन लेकर पुराने लोन को क्लोज करा दिया जाता है. इसके बाद नए लोन का पुनर्भुगतान शुरू किया जाता है. नया लोन आप मौजूदा या नए बैंक से ले सकते हैं.
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लोन रीफाइनेंसिंग का फायदा
लोन रीफाइनेंसिंग के जरिए आप अपनी ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं. कम ब्याज दर पर पर लोन मिलने के कारण आपकी ईएमआई घट जाती है. इसके अलावा अगर आप अपने लोन की अवधि को कम करना चाहते हैं तो नया लोन लेते समय इसके टेन्योर को कम करवा सकते हैं. इससे आप अपने कर्ज को समय से पहले ही खत्म कर सकते हैं.
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कब कराना चाहिए लोन रीफाइनेंसिंग
लोन रीफाइनेंसिंग का फायदा तभी है, जब आप मौजूदा समय की ऊंची ब्याज दरों का भुगतान करने में सक्षम न हों और नया लोन आपको कम ब्याज के साथ कर्ज ऑफर किया गया हो.
अगर आपको लगता है कि आपको लेंडर अच्छा नहीं मिला है और उसकी तरफ से आपको सुविधाएं बेहतर नहीं मिल पा रही हैं, तो आप लोन रीफाइनेंस करवा सकते हैं.
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फिक्स्ड रेट से फ्लोटिंग रेट पर स्विच करना हो
अगर आपने निश्चित ब्याज दर पर लोन लिया हो, लेकिन कुछ समय बाद ब्याज दरें घटना शुरू हो गई हों. आप नई ब्याज दरें अपनाना चाहते हों, लेकिन आपका बैंक इस स्थिति में आपको फ्लोटिंग रेट लोन का विकल्प देने को राजी न हो, तो आप लोन रीफाइनेंसिंग करवा सकते हैं.
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लोन की अवधि कम करना हो तो
अगर आपकी फाइनेंशियल कंडीशन पहले से बेहतर हो और आप लोन की अवधि कम करना चाहते हों, तो आप लोन रीफाइनेंस करवाकर नए लोन का निपटान कम समय में कर सकते हैं.
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