Budget 2019 : GST में मिले राहत तो पेपर इंडस्ट्री को मिलेगी नई रफ्तार
कुछ पेपर प्रोडेक्ट्स ऐसे हैं जिन पर 18 फीसदी की दर से टैक्स लगता है, जबकि सामान्य दर 12 फीसदी है. इस पर सरकार से मांग की है जीएसटी की दरों को कम करके 12 फीसदी पर लाना चाहिए.
पेपर इंडस्ट्री ने सरकार से मांग की है कि पल्प वुड पर जीएसटी की दरें कम की जाएं.
पेपर इंडस्ट्री ने सरकार से मांग की है कि पल्प वुड पर जीएसटी की दरें कम की जाएं.
कागज उद्योग, कच्चे माल के रूप में लकड़ी का उपयोग करते हुए लुगदी, कागज, गत्ते एवं अन्य सेलुलोज-आधारित उत्पाद का निर्माण करता है. पेपर प्रोडेक्ट्स के तौर पर विविध प्रकार के कागज एवं उससे सम्बन्धित उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है. इन कागजों में प्रमुख रूप से बैंक कागज, बॉण्ड कागज, बुक कागज, चीनी कागज, वूव कागज, फोटो कागज, इंकजेट कागज, सूत कागज, क्राँफ्ट कागज, वाशी कागज, प्रिंटिंग पेपर, ड्राइंग पेपर, वैक्स कागज और वॉल पेपर शामिल हैं.
देश के अन्य उद्योग की तरह ही कागज उद्योग को भी 5 जुलाई को पेश होने वाले बजट से काफी उम्मीदें हैं. पेपर उद्योग से जुड़े लोगों ने बजट पूर्व बैठक में सरकार से मुलाकात कर अपनी कई मांग उठाई हैं.
देश की दिग्गज पेपर निर्माता कंपनी जेके पेपर के डायरेक्टर ए.एस. मेहता ने ज़ी बिजनेस से खास बात में बताया कि वैसे तो पेपर इंडस्ट्री की सरकार से बहुत ज्यादा मांग नहीं है क्योंकि, सरकार ने पहले ही पल्प के ऊपर कस्टम ड्यूटी को खत्म कर दिया था. अभी वुडन लॉग्स (लकड़ी के लट्ठे) और चिप्स के इंपोर्ट पर जो टैक्स लगा हुआ है, उसे खत्म करने की मांग की गई है.
TRENDING NOW
बजट से पेपर इंडस्ट्री की क्या हैं उम्मीदें?
— Zee Business (@ZeeBusiness) 18 जून 2019
क्या इस बजट पेपर इंडस्ट्री को मिलेगी राहत?
जानने के लिए देखें @JKPaperIndia के प्रेसिडेंड और डायरेक्टर ए एस मेहता की #Budget2019 पर खास बातचीत।
पूरा इंटरव्यू देखें: https://t.co/Iq1TigEzWf
@SwatiKJain @FinMinIndia #BudgetWithZee pic.twitter.com/6eYRbQtFQk
उन्होंने बताया कि हमारी मांग जीएसटी काउंसिल से हैं. पल्प वुड पर जीएसटी की दरें इस समय 18 फीसदी हैं. जीएसटी लागू होने से पहले इस पर 5 फीसदी का टैक्स था, अब बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है. सरकार से मांग है कि पल्प वुड पर जीएसटी की दरें कम की जाएं.
जीएसटी की दरें कम करने की मांग
ए.एस. मेहता ने बताया कि कुछ पेपर प्रोडेक्ट्स ऐसे हैं जिन पर 18 फीसदी की दर से टैक्स लगता है, जबकि सामान्य दर 12 फीसदी है. इस पर सरकार से मांग की है जीएसटी की दरों को कम करके 12 फीसदी पर लाना चाहिए.
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की समीक्षा की मांग
सरकार ने जो फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किए हुए हैं, उनकी इस साल समीक्षा होनी है. इसलिए उनकी समीक्षा होनी चाहिए. क्योंकि कुछ कंपनियों का फ्री ट्रेड किए जाने से देश को कोई फायदा नहीं हो रहा है, उल्टा नुकसान ही हुआ है. हमारा एक्सपोर्ट के स्थान पर इंपोर्ट ही बढ़ा है, इसलिए इनका रिव्यू होना चाहिए.
जेके पेपर लिमिटेड पर एक नजर-
देश की तीसरी सबसे बड़ी कागज निर्माता कंपनी है.
ब्रांडेड पेपर सेगमेंट में मार्केट लीटर है यह कंपनी.
जेके पेपर का कागज 35 देशों में होता है एक्सपोर्ट.
कंपनी के ओडिशा और गुजरात में 2 पेपर प्लांट हैं.
188 होल सेलर्स और 4000 डीलर्स का बड़ा नेटवर्क है.
02:48 PM IST