पैकेज्ड प्रोडक्ट इंडस्ट्री ने की अपील, कहा- प्लास्टिक की स्ट्रॉ पर फिलहाल नहीं लगे प्रतिबंध
Ban on plastic straw: सिंगल-यूज वाले प्लास्टिक पर सरकार का प्रतिबंध एक जुलाई से लागू होगा. और इसका असर खाद्य कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले जूस और दूध आधारित ड्रिंक के छोटे पैकट के साथ मिलने वाली प्लास्टिक स्ट्रॉ पर भी पड़ेगा.
उद्योग निकाय ने कहा है कि प्रतिबंध की डेडलाइन कम से कम दो-तीन साल के लिए बढ़ाई जानी चाहिए. (फोटो: Pixabay)
उद्योग निकाय ने कहा है कि प्रतिबंध की डेडलाइन कम से कम दो-तीन साल के लिए बढ़ाई जानी चाहिए. (फोटो: Pixabay)
Ban on plastic straw: छोटे पैकेटबंद फलों के रस और डेयरी प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरर ने प्लास्टिक की नली (स्ट्रॉ) पर प्रतिबंध को लागू करने की समय-सीमा एक जुलाई से आगे बढ़ाने की मांग की है. मैन्युफैक्चरर का कहना है कि आयातित कागज की नली (पेपर स्ट्रॉ) से लागत बढ़ जाएगी और इंडस्ट्री की जरूरत भी पूरी नहीं होगी.
उद्योग निकाय ‘एक्शन अलायंस फॉर रिसाइकलिंग बेवरेज कार्टन्स (AARC) और एफएमसीजी कंपनी डाबर इंडिया ने कहा कि अभी कोई और बेहतर विकल्प उपलब्ध नहीं है, ऐसे में सुगम परिवर्तन के लिए प्रतिबंध की समय-सीमा कम से कम दो-तीन साल के लिए बढ़ाई जानी चाहिए.
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1 जुलाई से लागू होगा प्रतिबंध
सिंगल-यूज वाले प्लास्टिक पर सरकार का प्रतिबंध एक जुलाई से लागू होगा. और इसका असर खाद्य कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले जूस और दूध आधारित ड्रिंक के छोटे पैकट के साथ मिलने वाली प्लास्टिक स्ट्रॉ पर भी पड़ेगा.
डाबर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित मल्होत्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमारा सरकार से अनुरोध है कि जब तक पेपर स्ट्रॉ के स्थानीय स्तर पर विनिर्माण के लिए आवश्यक अवसंरचना तैयार नहीं हो जाती तब तक प्रतिबंध लागू नहीं किया जाए.’’
एएआरसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि प्रतिबंध का बड़ा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि अभी हमारे पास कोई विकल्प मौजूद नहीं है.
03:05 PM IST