पान की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है. अब मगही पान के पत्ते 45 दिनों से ज्यादा समय तक खराब नहीं होंगे. इसके लिए किसान अब खुद प्रोसेसिंग तकनीक सीख कर लाभ उठा सकते हैं. प्रोसेसिंग किए गए पान की कीमत दोगुनी मिलेगी. बिहार सरकार, कृषि विभाग के मुताबिक, इस तकनीक को सीखने के लिए बिहार के किसानों ने कई बार प्रयास किया. बाद में नाबार्ड के माध्यम से किसानों को ट्रेनिंग दिलाई गई है. 6 महीने पहले 25-25 बैच के पान उत्पादक किसानों को ट्रेनिंग दी गई. बिना प्रोसेसिंग किया 200 पान पत्ता की कीमत 100 रुपये है, तो प्रोसेसिंग के बाद इसकी कीमत सीधे दोगुना यानी 200 रुपये मिलते हैं.
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कैसे होती है पान की प्रोसेसिंग
खेत से पान के पत्ते को निकालने के बाद साफ कर पानी सुखा लिया जाता है. कोयले के चुल्हा जलाकर अंधेरे कमरे को 45 से 50 डिग्री तापमान पर गर्म किया जाता है. चुल्हा से चार फुट ऊपर बांस पर पान के पत्ते को 12 घंटे के लिए रखा जाता है. इसके बाद बाहर निकालकर 24 घंटे बाहर सूखाते हैं. इस तरह चार बार भट्ठी में रखकर प्रोसेस किया जाता है. इस तरह प्रोसेसिंग में लगभग 15 दिन लगते हैं. 300 वर्ग फुट पान की खेती में करीब 80-90 हजार रुपये खर्च होते हैं, जबकि आमदनी 1.50 लाख रुपये होती है.
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ऑर्गेनिक पान की खेती फायदेमंद
बिहार सरकार ने चौथे कृषि रोड मैप में पान की खेती को बढ़ावा देने का प्रावधान किया गया है. पान की खेती के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा. ऑर्गेनिक पान की कीमत दोगुनी मिल रही है.
बिहार के गया, नवादा, नालंदा सहित मगध इलाके पान की खेती होती है. यह पान वाराणसी जाकर बनारसी पान हो जाता है. मगध के हरा पान के पत्ते को प्रोसेस कर सफेद बना दिया जाता है.
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पान के फायदे
पान का पत्ता चबाने से पाचन क्रिया दुरुस्त होता है. मसूड़ों के सूजन में लाभकारी है. दातों को मजबूत करता है, डायबिटीज को कंट्रोल करता है, पान के पत्ते का रस सर्दी खांसी को दूर करता है. पान के अर्क में एंटी कैंसर गुण होते हैं. पेट में गैस की समस्या से छुटकारा दिलाने के साथ वजन कम करने में भी मददगार है.
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