GST में कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार लेगी 1.1 लाख करोड़ कर्ज, राज्यों को मिलेगी राशि
चार महीने के लंबे मंथन के बाद अब केंद्र सरकार राज्यों के GST में कमी को पूरा करने के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेगी.
अगस्त के महीने में छत्तीसगढ़ सबसे ज्यादा जीएसटी राजस्व हासिल करने वाला राज्य रहा था. (File pic)
अगस्त के महीने में छत्तीसगढ़ सबसे ज्यादा जीएसटी राजस्व हासिल करने वाला राज्य रहा था. (File pic)
भारत में कोरोना लॉकडाउन के दौरान गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी से राज्यों को मिलने वाले राजस्व में भारी कमी आई थी. पिछले कई महीनों से इसकी भरपाई के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तकरार चल रही है. चार महीने के लंबे मंथन के बाद अब केंद्र सरकार राज्यों के GST में कमी को पूरा करने के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेगी.
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की ओर से ये बताया गया है कि केंद्र सरकार स्पेशल विंडो के जरिए 1.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी. जिसे राज्यों को GST मुआवजा सेस के बदले में एक के बाद एक लोन के तौर पर दिया जाएगा. स्पेशल विंडो के तहत, सभी राज्यों को GST में 1.1 लाख करोड़ रुपए राजस्व नुकसान की भरपाई करने के लिए किस्तों में कर्ज के तौर पर लेगी. इससे भारत सरकार के राजकोषीय घाटा पर कोई असर नहीं होगा. एक अनुकूल ब्याज दर सुनिश्चित करने के अलावा, उधार में समन्वय और सरलता को आसान बनाएगा.
अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण GST कलेक्शन में भी गिरावट आई थी. उन राज्यों के बजटों भी बिगड़ गया, जिन्होंने सेल्स या VAT जैसे स्थानीय करों को इकट्ठा करने का अपना अधिकार छोड़ दिया था. छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री और जीएसटी मंत्री टीएस सिंह देव के मुताबिक, यह काफी सुकून भरा है कि जीएसटी परिषद की बैठकों में 18 घंटे के लंबे विचार-विमर्श के बाद केंद्र और कई राज्य सरकारों के बीच टकराव पर केंद्र सरकार ने यूटर्न लिया है.
I salute the resolve of all opposition parties who took a strong stand against the unilateral decision contrary to constitutional provisions forcing the states to borrow money from the market to cover the GST protected revenue shortfall. I am glad that saner advise has prevailed. pic.twitter.com/R5o4Jossea
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) October 16, 2020
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टीएस सिंह देव ने कहा यह स्वागत करने योग्य है कि केंद्र सरकार ने 24 घंटे के भीतर आरबीआई से राज्यों को क्षतिपूर्ति के लिए आवश्यक धन उधार लेने के लिए सहमत हो गई है. अंत में बैक-टू-बैक लोन के रूप में भुगतान किया जा रहा है. इससे पहले से ही कर्ज में डूबे राज्यों को मदद मिलेगी. और संवैधानिक भावना को बनाए रखता है. क्योंकि, राज्य सरकारों ने जीएसटी संवैधानिक संशोधन के तहत जुलाई 2022 तक राजस्व घाटे के लिए पूर्ण मुआवजे के आश्वासन को स्वीकृति दी है.
अगस्त के महीने में छत्तीसगढ़ सबसे ज्यादा जीएसटी राजस्व हासिल करने वाला राज्य रहा था. सिंह ने इस मसले पर वित्त मंत्री पत्र लिखकर राज्यों से उधार लेने वाले विकल्प को अस्वीकार करने पर जोर दिया था. साथ ही कहा था कि केंद्र इस मुद्दे को गलत तरीके से पेश कर रहा है.
01:34 PM IST