Pre Budget Meeting: राज्यों ने की GST compensation को पांच साल बढ़ाने की मांग, महामारी से हुए नुकसान का दिया हवाला
Pre Budget Meeting: केंद्रीय वित्त मंत्री से राज्यों ने बजट से पूर्व की बैठक में जीएसटी मुआवजे की अवधि को पांच साल आगे बढ़ाने की मांग की है. राज्यों ने कहा कि कोरोना महामारी ने उन्हें बुरी तरह से प्रभावित किया है.
राज्यों ने की केंद्रीय योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग. (Source: Reuters)
राज्यों ने की केंद्रीय योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग. (Source: Reuters)
Pre Budget Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से राज्यों GST मुआवजा उपकर व्यवस्था (GST compensation cess regime) को और पांच साल बढ़ाने की मांग की. इसके साथ राज्यों ने वित्त मंत्री से केंद्र प्रायोजित योजनाओं (centrally-sponsored schemes) में केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग की. राज्यों ने कहा कि कोरोना महामारी ने उनके राजस्व को बुरी तरह से प्रभावित किया है.
एक समान राष्ट्रीय टैक्स व्यवस्था GST को अपनाने के बाद राज्यों को VAT जैसे स्थानीय टैक्स चले जाने से राजस्व में कमी का सामना करना पड़ा. जिसके मुआवजे के लिए राज्यों को मुआवजा देने की बात कही गई थी, जिसकी अवधि अगले साल जून में समाप्त हो जाएगा. राज्यों ने इसे अगले पांच साल तक बढ़ाने की मांग की है.
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राज्यों की वित्तीय स्थिति हो सकती है खराब
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक (pre-Budget consultation) के बाद कहा, "कई राज्यों ने इसके लिए कहा है. हमने जीएसटी मुआवजा (GST compensation) का विस्तार करने के लिए भी कहा है. अगर इसे आगे नहीं बढ़ाया गया, तो कई राज्यों की वित्तीय स्थिति खराब हो जाएगी."
छत्तीसगढ़ की है ये मांग
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के केंद्रीय बजट में छत्तीसगढ़ को केंद्रीय करों में 13,089 करोड़ रुपये कम मिले हैं. इसलिए आने वाले वर्ष में केंद्रीय करों का हिस्सा पूरी तरह से राज्य को दिया जाना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि कोयला ब्लॉक कंपनियों से कोयला खनन पर 294 रुपये प्रति टन की दर से केंद्र के पास जमा 4140 करोड़ रुपये भी छत्तीसगढ़ को दिया जाए.
राजस्थान के शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि 2026-27 तक मुआवजा उपकर (compensation cess window) का विस्तार राज्यों की एक वैध मांग है और केंद्र को इस पर विचार करना चाहिए. उन्होंने सोने और चांदी पर इम्पोर्ट ड्यूटी को 10 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी करने की भी मांग की है.
केंद्र के योजनाओं में बढ़े हिस्सेदारी
गर्ग ने कहा कि हमारी सबसे महत्वपूर्ण मांग यह है कि केंद्र प्रायोजित योजना (centrally-sponsored schemes) में केंद्र की हिस्सेदारी धीरे-धीरे कम हो गई है और राज्यों की हिस्सेदारी को बढ़ा दिया गया है. पहले यह 90-10 होती थी. अब इसे 50-50 या 60-40 कर दिया गया है. हमारा अनुरोध है कि इसे फिर से 90-10 किया जाए. राजस्थान से सभी सिंचाई और जल कार्य से संबंधित परियोजनाओं को केंद्र के दायरे में लाने की मांग की.
पश्चिम बंगाल ने भी कोरोना महामारी को मुश्किल समय बताते हुए GST मुआवजे की अवधि को आगे पांच साल बढ़ाने की वकालत की. पश्चिम बंगाल शहरी विकास और नगरपालिका मामलों की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि पहले जब इसे तय किया गया था, तब कोरोना संकट का जिक्र नहीं था.
07:12 PM IST