सरकार ने ‘विवाद से विश्वास’ योजना के तहत भुगतान के लिए समय-सीमा 30 जून तक बढ़ाई
Govt extends tax compliance deadlines due to Covid-19. Details here: सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण अपनी प्रत्यक्ष कर विवाद निवारण योजना ‘विवाद से विश्वास’ (Vivad Se Vishwas scheme) के तहत भुगतान करने की समय-सीमा दो महीने और बढ़ाकर 30 जून तक कर दी है.
‘विवाद से विश्वास’ के तहत भुगतान करने की समय-सीमा दो महीने और बढ़ाकर 30 जून तक कर दी है.
‘विवाद से विश्वास’ के तहत भुगतान करने की समय-सीमा दो महीने और बढ़ाकर 30 जून तक कर दी है.
Govt extends tax compliance deadlines due to Covid-19. Details here: सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण अपनी प्रत्यक्ष कर विवाद निवारण योजना ‘विवाद से विश्वास’ (Vivad Se Vishwas scheme) के तहत भुगतान करने की समय-सीमा दो महीने और बढ़ाकर 30 जून तक कर दी है.
Govt extends certain timelines to 30.06.2021 where time limit was earlier extended to 30.04.2021 through various notifications issued under the Taxation and Other Laws (Relaxation) and Amendment of Certain Provisions Act, 2020
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) April 24, 2021
Read more➡️ https://t.co/a6sYFzuc6T pic.twitter.com/cucC2YfAKT
सरकार ने कर अधिकारियों द्वारा उन मामलों में आकलन पुन: शुरू करने के लिए नोटिस जारी करने की तारीख भी 30 जून तक बढ़ा दी है, जिनमें आय का आकलन नहीं हुआ है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा, ‘‘यह भी निर्णय लिया गया है कि प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम, 2020 के तहत देय राशि के भुगतान का समय, बिना किसी अतिरिक्त राशि के, बढ़ाकर 30 जून, 2021 तक किया जाएगा.’’'
कौन उठा सकता है इस स्कीम का लाभ
इसके तहत विवादित कर का 100 प्रतिशत और विवादित जुर्माना या ब्याज अथवा शुल्क का 25 प्रतिशत देकर लंबित मामलों का निपटान किया जा सकता है. प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास कानून 17 मार्च, 2020 को अमल में आया. इसका मकसद विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों के निपटान के लिए संबंधित करदाताओं को विकल्प उपलब्ध कराना है. विवाद से विश्वास योजना का लाभ आयकर निपटान आयोग (Income Tax Settlement Commission) के समक्ष लंबित कार्यवाही या फिर ITSC के आदेश के खिलाफ दायर रिट याचिका के संदर्भ लिया जा सकता है.
TRENDING NOW
'विवाद से विश्वास' योजना के तहत विवादित टैक्स, विवादित पेनाल्टी, विवादित इंटरेस्ट रेट जैसे मामलों के निपटारे की सुविधा प्रदान करती थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार 31 जनवरी 2020 तक 19.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक 5.10 लाख मुकदमे लंबित थे.
विवाद से विश्वास योजना आकलन के संदर्भ में विवादित कर, विवादित ब्याज, विवादित जुर्माना या विवादित शुल्क के निपटान का विकल्प उपलब्ध कराता है. इसके तहत विवादित कर का 100 फीसद और विवादित जुर्माना या ब्याज अथवा शुल्क का 25 फीसद देकर लंबित मामलों का निपटान किया जा सकता है. प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास कानून 17 मार्च, 2020 को अमल में आया. इसका मकसद विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों के निपटान के लिये संबंधित करदाताओं को विकल्प उपलब्ध कराना है.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
01:58 PM IST