मिलावटी शहद के मुद्दे FSSAI की सफाई, हर कसौटी पर होती है जांच
FSSAI का कहना है कि उत्पाद को हर कसौटी पर खरा उतारने के बाद ही उसके उत्पादन और बिक्री का सर्टिफिकेट जारी किया जाता है.
CSE का कहना है कि भारत में बिकने वाले तमाम कंपनियों के शहद बड़े पैमाने पर मिलावट की जाती है.
CSE का कहना है कि भारत में बिकने वाले तमाम कंपनियों के शहद बड़े पैमाने पर मिलावट की जाती है.
Honey Adulteration: जाने-माने ब्रांड्स के शहद में मिलावट की बात सुनने के बाद अगर आप भी फिक्रमंद हो गए हैं तो ये खबर आपको तसल्ली देगी. दरअसल पिछले दो-तीन दिनों से मिलावटी शहद का मुद्दा सुर्खियों में छाया हुआ है. शहद में मिलावट पर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) का कहना है कि प्राधिकरण उत्पाद को हर कसौटी पर खरा उतारने के बाद ही उसके उत्पादन और बिक्री का सर्टिफिकेट जारी करता है.
शहद में तमाम तरह की मिलावट पर एएसएसएआई का कहना है कि शहद में राइस सिरप जांच (SMR) के लिए बहुत ही सेंसिटिव मार्कर का इस्तेमाल पहले से ही अनिवार्य किया गया है. साथ ही शहद में चावल के सिरप की मिलावट का पता लगाने के लिए कई तरह की जांच की जाती हैं.
कौन सी जांच जरूरी और कौन सी नहीं
FSSAI का कहना है वैज्ञानिक विशेषज्ञों द्वारा महसूस किया गया था कि TMR आवश्यक नहीं है.
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एनएमआर जांच पर प्राधिकरण का कहना है कि डेटाबेस की कमी, ज्यादा लागत और बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट के चलते वैज्ञानिकों का तर्क है कि न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (NMR) की आवश्यकता नहीं है. एनएमआर परीक्षण वैश्विक स्तर पर मोडिफाई शुगर सिरप को जांचने के लिए प्रयोग किया जाता है. दुनिया में किसी भी खाद्य नियामक ने अभी तक एनएमआर को शहद के लिए एक जांच विधि के रूप में जरूरी नहीं किया है.
FSSAI ने मांगी जांच रिपोर्ट
FSSAI ने सेंटर फार साइंस एंड एनवॉयरामेंट (CSE) से जांच के लिए, लिये गए शहद के सैम्पल और जांच रिपोर्ट को साझा करने का अनुरोध किया है.
FSSAI का कहना है कि जैसे तमाम डिटेल उसे मिलती है तो उनको फिर से जांच के प्रोटोकॉल पर परखा जाएगा. प्राधिकरण का यह भी कहना है कि तमाम पड़ताल के बाद अगर जरूरत पड़ी तो जांच प्रोटोकॉल में और भी तकनीकों को शामिल किया जा सकता है.
क्या है माजरा
सेंटर फार साइंस एंड एनवॉयरामेंट (CSE) का कहना है कि भारत में बिकने वाले तमाम कंपनियों के शहद बड़े पैमाने पर मिलावट की जाती है. CSE की महानिदेशक सुनीता नारायण का कहना है कि शहद में शुगर सिरप (Sugar syrup) की मिलावट हो रही है.
सुनीता नारायण का कहना है कि शहर में शुगर सिरप की मिलावट खाने-पीने के सामान में धोखाधड़ी (Food Fraud) के तहत आती है. और शहद में यह मिलावट साल 2003 और 2006 में सीएसई द्वारा सॉफ्ट ड्रिंक में की गई मिलावट की खोजबीन से ज्यादा ज्यादा जटिल है.
CSE का कहना है कि उसने मिलावट के बारे में रिपोर्ट भारत और जर्मनी की लैब में हुई तमाम स्टडी के आधार पर तैयार की है.
स्टडी रिपोर्ट बताती है कि भारत के सभी प्रमुख ब्रांड के शहद में जबरदस्त मिलावट की जा रही है. 77 फीसदी नमूनों में शुगर सिरप की मिलावट है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच के मानक में शामिल न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (NMR) परीक्षण में 13 ब्रांड में सिर्फ 3 ब्रांड ही पास हुए. CSE का कहना है कि शहद के शुद्धता की जांच के लिए तय भारतीय मानकों के जरिए मिलावट को नहीं पकड़ा जा सकता, क्योंकि चीन की कंपनियां ऐसे शुगर सिरप तैयार कर रही हैं जो भारतीय जांच मानकों को आसानी से खरे उतरते हैं.
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09:48 PM IST