कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान, कहा- सरकार का प्रस्ताव मंजूर नहीं
संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) की आम सभा में सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है.
कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच 22 जनवरी, शुक्रवार फिर बैठक होने जा रही है. (Reuters Image)
कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच 22 जनवरी, शुक्रवार फिर बैठक होने जा रही है. (Reuters Image)
Kisan Andolan: कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच 22 जनवरी, शुक्रवार फिर बैठक होने जा रही है. बुधवार को हुई 10वें दौर की बैठक भी बिना किसी नतीजे पर पहुंचे समाप्त हो गई थी. हालांकि, सरकार ने प्रस्ताव दिया कि अगर किसान राजी हों तो वह कृषि कानूनों (New Farm Laws) को अगले एक-डेढ़ साल तक के लिए टाल सकती है.
किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को खारीज कर दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में किसान नेताओं ने सरकार के इस प्रस्ताव पर सिंघू बॉर्डर पर एक मैराथन बैठक में यह फैसला लिया.
प्रस्ताव खारिज किया (Centre’s proposal reject)
संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) की आम सभा में सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है. तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात, इस आंदोलन की मुख्य मांगो के रूप में दोहराई गई.
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सयुंक्त किसान मोर्चा के डॉक्टर दर्शन पाल ने बताया कि 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर उनकी दिल्ली पुलिस प्रशासन के साथ हुई बैठक हुई. पुलिस ने दिल्ली में उन्हें प्रवेश नहीं करने की बात कही है. दर्शन पाल ने कहा कि किसान दिल्ली की रिंग रोड पर परेड करेंगे.
The meeting is going on, let a decision be made. No such decision has been taken: Jagjit Singh Dallewal, Bharatiya Kisan Union (BKU) https://t.co/gsQXrawwEK pic.twitter.com/UR5Be6lPKu
— ANI (@ANI) January 21, 2021
उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण चल रहा यह आंदोलन अब देशव्यापी हो चुका है.
असफल रही 10वें दौर की वार्ता (Farmers Talk with Government)
बुधवार को हुई 10वें दौर की वार्ता में सरकार ने किसान संगठनों के समक्ष तीन कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और समाधान का रास्ता निकालने के लिए एक समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था. दोनों पक्षों ने 22 जनवरी को फिर से वार्ता करना तय किया था.
सुप्रीम कोर्ट की समिति भी कर रही है वार्ता
उधर, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा गठित समिति ने भी बातचीत शुरू कर दी है और इस कड़ी में उसने आठ राज्यों के 10 किसान संगठनों से संपर्क किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को तीन कृषि कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी और गतिरोध को दूर करने के मकसद से चार-सदस्यीय एक समिति का गठन किया था. फिलहाल, इस समिति मे तीन ही सदस्य हैं भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस समिति से अलग कर लिया था.
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10:20 PM IST