NHAI ने हरभरे राजमार्ग बनाने के लिए लांच किया हरित ऐप, हर पौधे पर रहेगी नजर
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगने वाले पौधों की निगरानी के लिए एक मोबाइल ऐप ‘हरित पथ’ लांच किया है. इस ऐप के जरिए राजमार्ग के किनारे लगाए गए हर पौधे की जगह, उसके विकास, प्रजातियों, पौधे के रखरखाव, लक्ष्य और उपलब्धियों पर नजर रखी जाएगी.
NHAI ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगने वाले पौधों की निगरानी के लिए एक मोबाइल ऐप ‘हरित पथ’ लांच किया (फोटो - रॉयटर्स )
NHAI ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगने वाले पौधों की निगरानी के लिए एक मोबाइल ऐप ‘हरित पथ’ लांच किया (फोटो - रॉयटर्स )
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगने वाले पौधों की निगरानी के लिए एक मोबाइल ऐप ‘हरित पथ’ लांच किया है. इस ऐप के जरिए राजमार्ग के किनारे लगाए गए हर पौधे की जगह, उसके विकास, प्रजातियों, पौधे के रखरखाव, लक्ष्य और उपलब्धियों पर नजर रखी जाएगी.
NHAI की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक NHAI के 25 वर्ष पूरे होने के मौके पर ‘हरित भारत संकल्प ’शुरू किया है, इसके तहत देशभर में बड़े पैमाने पर पौधे लगाए जाएंगे. इस अभियान के जरिए पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता को बढ़ावा का काम किया जाएगा. इस पहल के तहत NHAI ने 21 जुलाई से 15 अगस्त 2020 के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों पर 25 दिन में 25 लाख पौधे लगाए गए हैं. इस अभियान के तहत इस साल 35.22 लाख पौधे लगाए जाएंगे.
राष्ट्रीय राजमार्गों को हराभरा बनाए रखने के लिए एनएचएआई के क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिए देशभर में हाइवे के दोनों तरफ पौधे लगाए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर अधिकतम 5.0 लाख पौधे, इसके बाद राजस्थान में 3.0 लाख और मध्य प्रदेश में 2.67 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं. पौधों के 100% जीवित रखने के लिए, राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ 1.5 मीटर की न्यूनतम ऊंचाई वाले वृक्षों या बड़ी झाडि़यों की कतार लगाने पर जोर दिया गया है.
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NHAI की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पौधों की सेहत पर नजर रखने के लिए हरित पथ ऐप का इस्तेमाल करते पौधों के डेटा के साथ तस्वीरें एनएचएआई के एआई संचालित बिग डेटा एनालिटिक्स प्लेटफ़ॉर्म - डेटा लेक पर हर 3 महीने में अपलोड की जाएंगी. राजमार्ग ठेकेदार लगाए गए पौधों के रखरखाव और लापता / मुरझाए हुए पौधों को बदलने के लिए जवाबदेह होंगे. पौधों के की डेवलपमेंट को इस काम के लिए ठेकेदारों के भुगतान से जोड़ा जाएगा.
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ऐप शुरू होने के बाद, एनएचएआई ने तुरंत 150 आरओ/पीडी/बागवानी विशेषज्ञों की यूजर आईडी बनाने का काम शुरू कर दिया है. इसके अलावा, लगभग 7800 पौधों की जियो टैगिंग भी की गई है.
11:59 AM IST