इन गाड़ियों और मशीनों के लिए नहीं है ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की जरूरत, केंद्र ने राज्यों से कही ये बात
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने साफ किया है कि सड़क बनाने वाली भारी मशीनरी और गाड़ियां मोटर वाहन नहीं है. ये गाड़ियां मोटर वाहन अधिनियम के दायरे में नहीं आती हैं.
सड़क बनाने वाली गाड़ियो के लिए जरूरी नहीं है रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस (फाइल फोटो)
सड़क बनाने वाली गाड़ियो के लिए जरूरी नहीं है रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस (फाइल फोटो)
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने साफ किया है कि सड़क बनाने वाली भारी मशीनरी और गाड़ियां मोटर वाहन नहीं है. ये गाड़ियां मोटर वाहन अधिनियम के दायरे में नहीं आती हैं. मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे इन मशीनों के रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस (registration and driving licence) के लिए लोगों को बाध्य न करें.
मंत्रालय ने कहा है कि इस मुद्दे पर सीएमवीआर-टीएससी की 56वीं बैठक में चर्चा की गई. इसमें ये फैसला लिया गया कि कोल्ड मिलिंग मशीन, कोल्ड रिसाइक्लर और सॉइल स्टेबलाइजर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की परिभाषा के तहत शामिल नहीं हैं और इन मशीनों के लिए किसी प्रकार की मंजूरी लेने की भी जरूरत नहीं है.
इसी प्रकार हैवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) जैसे डंपर, पेलोडर, शोवेल, ड्रिल मास्टर, बुलडोजर, मोटर ग्रेडर और रॉक ब्रेकर आदि मशीन मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की परिभाषा के तहत शामिल नहीं हैं. इसलिए इन उपकरणों के लिए मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए जोर नहीं दिया जा सकता है.
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मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के परिवहन विभागों को लिखे एक पत्र में कहा गया है कि उसे रोड बिल्डिंग एंड रिहैबिलिटेशन उपकरणों के संबंध में कई एप्लीकेशन मिली है जिनमें केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर), 1989 के तहत कोल्ड रिसाइकलिंग मशीनों और सॉइल स्टैबिलाइजिंग मशीनों (रोड बिल्डिंग एंड रिहैबिलिटेशन उपकरण) के रजिस्ट्रेशन पर जोर दिए जाने पर चिंता जताई गई है.
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कोल्ड मिलिंग मशीनों का इस्तेमाल सड़क पर मौजूदा कोलतार की परतों को हटाने, उसे जमा करने और खनन और क्रशिंग की लागत को घटाने में किया जाता है. साथ ही निकाले गए बिटुमिन से कोलतार की बचत होती है जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होती है.
09:57 AM IST