महंगा हुआ ताजमहल का दीदार, 5 गुना बढ़े टिकट के दाम
अभी तक देसी पर्यटक 50 रुपए और विदेशी पर्यटक 1100 रुपये में ताजमहल का दीदार करते थे, लेकिन अब देशी पर्यटकों को 250 रुपये और विदेशी पर्यटकों को 1300 रुपये प्रति टिकट देने होंगे.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा ताजमहल पर भीड़ प्रबंधन के लिए ये नई टिकट व्यवस्था लागू की जा रही है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा ताजमहल पर भीड़ प्रबंधन के लिए ये नई टिकट व्यवस्था लागू की जा रही है.
मोहब्बत की निशानी तथा दुनिया के सात अजूबों में शामिल दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत ताजमहल का दीदार करने के लिए अब आपको अपनी जेब पहले से ज्यादा ढीली करनी होगी. सोमवार 10 दिसंबर से ताजमहल का टिकट महंगा होने जा रहा है. अब ताजमहल देखने के लिए 50 की जगह 250 रुपये खर्च करने होंगे. विदेशी सैलानियों को 1300 रुपये में टिकट खरीदना होगा. 50 रुपये का भी टिकट होगा, लेकिन इस टिकट से आप ताजमहल के एक सीमित दायरे का भी भ्रमण कर सकते हैं. पूरा ताजमहल घूमने के लिए 250 रुपये का टिकट लेना होगा.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा ताजमहल पर भीड़ प्रबंधन के लिए ये नई टिकट व्यवस्था लागू की जा रही है. अभी तक देसी पर्यटक 50 रुपए और विदेशी पर्यटक 1100 रुपये में ताजमहल का दीदार करते थे, लेकिन अब देशी पर्यटकों को 250 रुपये और विदेशी पर्यटकों को 1300 रुपये प्रति टिकट देने होंगे. 200 रुपये का ये शुल्क शाहजहां और मुमताज की कब्रों वाले मुख्य गुम्बद तक जाने के लिए लगाया गया है. बड़ी हुई कीमतें सोमवार से से लागू हो जाएंगी. मौजूदा 50 रुपये का टिकट चमेली फर्श से ऊपर वाले मार्बल प्लेटफॉर्म तक ही इस्तेमाल किया जा सकेगा.
शाहजहां-मुमताज की कब्रें देखने के लिए गुंबद के अंदर जाने के लिए गेट पर ही बैरियर लगाया जाएगा, जहां अतिरिक्त टिकट की जांच होगी.
TRENDING NOW
गिर जाएगी पर्यटकों की संख्या
ताजमहल देखने के लिए हर दिन औसतन 40,000 पर्यटक आते हैं. लेकिन वीकेंड में यह संख्या बढ़कर 60,000 से 70,000 तक पहुंच जाती है. माना जा रहा है कि टिकट के दाम बढ़ने से ताजमहल आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आएगी.
मौजूदा नियमों के तहत ताजमहल देखने के लिए अभी पर्यटकों की संख्या तय नहीं है. साथ ही एक बार अंदर जाने पर पर्यटक कितनी भी देर वहां रह सकते हैं. लेकिन पिछले दिनों इस बात पर भी नियम बनाने की बात कही गई कि ताजमहल में पर्यटकों के लिए अंदर जाने का समय भी निर्धारित किया जाए. इसके तहत कहा गया कि पर्यटकों के लिए 3 घंटे का नियम बनाया जाए.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ताजमहल की उपेक्षा के लिए केंद्र और यूपी सरकार को फटकार लगा चुकी है. आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि अगर यूनेस्को 17वीं सदी के इस मुगल स्मारक को अपनी 'विश्व धरोहर सूची' से बाहर कर दे तो आप लोग क्या करेंगे. जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, "यह एक विश्व धरोहर है. क्या होगा जब यूनेस्को कहेगा कि उसने ताज महल से विश्व धरोहर का दर्जा वापस ले लिया है."
07:20 PM IST