SGB: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में क्यों करना चाहिए निवेश? SBI ने बताए 6 बड़े फायदे
SGB Investment: रिजर्व बैंक (RBI) ने SGB की 8वीं किस्त के लिए इश्यू प्राइस 4,791 प्रति ग्राम तय किया गया है. ऑनलाइन अप्लाई करने पर 50 रुपये प्रति गाम की छूट मिलेगी.
(Image: Reuters)
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Sovereign Gold Bond Scheme 2021-22: सोने में निवेश करने वालों के लिए अच्छा मौका है. सरकार की ओर से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 की आठवीं किस्त 29 नवंबर को जारी कर दी गई है. यह 3 दिसंबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली रहेगी. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के जरिए आप डिजिटल फॉर्म में गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. आपको ज्वैलरी, बिस्किट या सिक्के के रूप में खरीदने की कोई जरूरत नहीं होगी. रिजर्व बैंक (RBI) ने SGB की 8वीं किस्त के लिए इश्यू प्राइस 4,791 प्रति ग्राम तय किया गया है. ऑनलाइन अप्लाई करने पर 50 रुपये प्रति गाम की छूट मिलेगी.
Sovereign Gold Bond को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीद सकते हैं. बॉन्ड बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) के जरिए बेचे जाएंगे. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) भी अपने कस्टमर्स को सीधे ऑनलाइन निवेश का मौका दे रहा है. एसबीआई ग्राहक onlinesbi.com के जरिए इन बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. SBI ने ट्वीट कर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के 6 फायदे बताए हैं.
2.5% का गारंटीड रिटर्न
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में निवेश पर गारंटीड रिटर्न मिलता है. निवेशकों को 2.5 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा, जिसका भुगतान हर छह महीने पर किया जाएगा.
कैपिटल गेन टैक्स से राहत
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SGB की मैच्योरिटी आठ साल होती है. जबकि, लॉक इन पीरियड पांच साल है. ध्यान रखें कि अगर आपने एसजीबी को मैच्योरिटी तक बनाए रखा, तो आपको निवेश पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा.
निवेश पूरी तरह सेफ
फिजिकल गोल्ड की तरह इसके सेफ स्टोरेज का झंझट नहीं रहता है. एसजीबी में निवेश करना अधिक सुरक्षित है. फिजिकल गोल्ड के मामले में चोरी, उसकी प्योरिटी और सेफ लॉकर की कमी जैसी दिक्कतें हमेशा बनी रहती हैं.
Planning to invest in Gold?
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) November 28, 2021
Here are 6 golden reasons to invest in Sovereign Gold Bonds.
SBI customers can invest in these bonds on https://t.co/YMhpMwjHKp under e-services.
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ले सकते हैं लोन
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इस्तेमाल लोन के कोलेटरल के लिए किया जा सकता है. लोन टू वैल्यू (LTV) अनुपात सामान्य गोल्ड लोन की तरह होता है. जिसके लिए आरबीआई समय-समय पर नियम तय करता है.
नहीं देना होगा GST
गोल्ड क्वाइन और बार की तरह सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में जीएसटी नहीं देना होता है. जब भी आप डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं, आपको फिजिकल गोल्ड की तरह 3 फीसदी जीएसटी देना होगा. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर कोई मेकिंग चार्ज नहीं देना होता है.
एक्सचेंज पर ट्रेडिंग
रिजर्व बैंक की ओर से नोटिफाई तारीख को जारी होने के 15 दिन के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों पर बॉन्ड का कारोबार होगा.
बता दें, गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को 2015 में लॉन्च किया था. रिवर्ज बैंक की ओर से सब्सक्रिप्शन के लिए इसे किस्तों में जारी किया जाता है.
क्या कहते हैं जानकार?
मिलवुड केन इंटरनेशनल के फाउंडर एंड सीईओ निश भट्ट का कहना है, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने में निवेश करने का एक प्रभावी तरीका है. इसमें स्टोरेज लागत नहीं होती है, क्योंकि होल्डिंग फॉर्मेट डिजिटल है. साथ ही निवेशक को 2.5% सालाना ब्याज मिलता है. सरकार ने इस स्कीम के जरिए 31,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जुटाई है. SGB सरकार के लिए सभी सोने के निवेश को डिजिटल मोड में बदलने का एक बेहतर तरीका है. यह घाटे को कंट्रोल में रखने में मदद करेगा और करंसी को सपोर्ट करेगा.
03:26 PM IST