इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में निवेश, रिटर्न के साथ टैक्स बचत भी
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में निवेश से अनचाहे रिटर्न की उम्मीद ना रखें. ELSS इक्विटी फंड हैं और इक्विटी में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं.
ELSS में निवेश से इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत (Section 80C) आयकर में छूट मिलती है. (Image-Zeebiz)
ELSS में निवेश से इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत (Section 80C) आयकर में छूट मिलती है. (Image-Zeebiz)
Income Tax Saving Schemes: नया फाइनेंशियल ईयर आ रहा है. ज्यादातर लोग अपना टैक्स (Income Tax) बचाने के लिए टैक्स सेविंग्स प्लान की स्टडी और निवेश कर रहे हैं. ज़ी बिजनेस आपके लिए एक्सपर्ट की मदद से वो प्लान चुनकर लाता है जहां निवेश से टैक्स की बचत तो होती ही है साथ में रिटर्न भी अच्छा मिलता है.
फिनफिक्स रिसर्च एंड एनालिटिक्स के फाउंडर प्रबलीन वाजपेयी इसके लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (Equity-linked saving schemes) एक डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड है. इस फंड का ज्यादातर हिस्सा इक्विटी में होता है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें निवेश से इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत (Section 80C) आयकर में छूट मिलती है.
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इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है. यह फंड डायवर्सिफाइड होने से इसमें जोखिम कम होता है. इसमें SIP के जरिए भी निवेश किया जा सकता है.
ELSS में निवेश के फायदे (Equity linked saving schemes)
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में निवेश के लिए कई कंपनियों के विकल्प होता है. आप इसमें घर बैठे एजेंट की मदद से निवेश कर सकते हैं. अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है और इसमें निवेश पर 1.5 लाख रुपये की अधिकतम टैक्स छूट मिलती है.
टैक्स सेविंग के लिए कहां करें निवेश?
— Zee Business (@ZeeBusiness) January 20, 2021
ELSS में निवेश के वक्त क्या ध्यान रखें?
जानने के लिए देखिए #MoneyGuru @rainaswati @PrableenBajpai https://t.co/lqyjd6IGMY
आप इस में मैच्योरिटी के बाद भी बने रहे सकते हैं. डिविडेंड पेआउट चुनने पर बीच में पैसे निकालने का विकल्प भी होता है और इसमें निवेश पर ब्याज की जगह मिलता है मार्केट लिंक्ड रिटर्न मिलता है.
सिर्फ टैक्स बचत के लिए ELSS चुनें (Tax saving Plans)
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) सिर्फ टैक्स बचत का विकल्प नहीं है. यहां आपको अच्छा रिटर्न भी मिलता है. आप इसकी मदद से अपना पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड बना सकते हैं. ज्यादातर ELSS स्कीम मल्टीकैप ऑरिएंटेड होती हैं. आप अपने पोर्टफोलियो में ELSS फंड को ज्यादा जगह दे सकते हैं. लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए ये फंड बेहतर होते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में निवेश से अनचाहे रिटर्न की उम्मीद ना रखें. ELSS इक्विटी फंड हैं और इक्विटी में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं. 3 साल का लॉक-इन पर लॉन्ग टर्म ज्यादा फायदेमंद होता है. वित्तीय वर्ष की शुरुआत से निवेश को बांटना सही होता है.
नियमित म्यूचुअल फंड्स या फिर ELSS
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) का कम से कम 80 फीसदी निवेश इक्विटी फंड्स में होता है. जबकि, रेगुलर स्कीम का कम से कम 65 फीसदी निवेश इक्विटी में जाता है. ELSS का निवेश अलग-अलग मार्केट कैप में संभव है. और इसमें 80C के तहत निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. ELSS में 3 साल का लॉक-इन-पीरियड होता है जबकि, रेगुलर स्कीम में लॉक-इन नहीं होता है.
ELSS को सिर्फ सबसे कम लॉक-इन की वजह से ना चुनें. टैक्स सेविंग आपकी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी का अहम हिस्सा होता है.
टैक्स छूट के लिए यहां करें निवेश (Invest in Tax Saving Funds)
इनकम टैक्स में छूट के लिए निवेश के तमाम ऑप्शन हैं. आप Employees' Provident Fund, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), यूनिट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट प्लान (ULIP), टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपोजिट या फिर नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में निवेश कर सकते हैं.
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09:33 PM IST