जल्द ही ग्राहकों तक पहुंच सकेंगी KIA motors की SUV, रेलवे ने 200 गाड़ियों को दिल्ली पहुंचाया
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Sun, Jun 07, 2020 09:38 AM IST
कोरोना वायरस के चलते देश भर में किए गए लॉकडाउन को खोलना शुरू कर दिया गया है. सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है. भारतीय रेलवे भी इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. रेलवे ने 2 रेक के जरिए बंगलुरू मंडल के पेनुकोंडा रेलवे स्टेशन से किया मोटर्स की 200 एसयूवी गाड़ियों को नई दिल्ली पहुंचाया. ऑटो इंडस्ट्री देशभर में लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार देती है. लॉकडाउन के चलते ऑटो उद्योग में काम पूरी तरह से ठप्प हो गया था.
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जल्द ग्राहकों तक पहुंच सकेंगी गाड़ियां
KIA motors की ये गाड़ियां दिल्ली पहुंचने के बाद मांग के मुताबिक शोरूम तक किया मोटर्स के शोरूम तक पहुंचाई जाएंगी. यहां से ग्राहक बुकिंग के आधार पर इन गाड़ियों की डिलीवरी ले सकेंगे. लॉकडाउन के चलते गाड़ियां प्लांट से शोरूम तक नहीं पहुंच रही थीं. रेलवे ऑटो कंपनियों के प्लांट से देश के अलग अलग हिस्सों तक गाड़ियां पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
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1 महीने में पहुंचाए जाएंगे 1500 ट्रैक्टर
भारतीय रेलवे किसानों की आय बढ़ाने और इस मुश्किल समय में उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. किसानों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए रेलवे बड़े पैमाने पर कृषि और किसानों की जरूरत से जुड़ी वस्तुओं के ट्रांस्पोर्टेशन पर जोर दे रहा है. रेलवे के बेंगलुरु डिविजन ने पिछले 2 दिनों में 350 ट्रेक्टरों का देश के अलग अलग हिस्सों तक पहुंचाया है. भारतीय रेलवे के बेंगलुरु डिविजन के अंतर्गत एक महीने में कुल 1,500 ट्रेक्टरों का ट्रांसपोर्टेशन करने का प्लान बनाया गया है ताकि देश के अलग अलग हिस्सों में जरूरत के हिसाब से मांग को देखते हुए ट्रैक्टर पहुंचाए जा सकें. रेल मंत्री पियूष गोयल ने ट्वीट करके कहा कि भारतीय रेलवे किसानों के साथ है. रेल मंत्री ने कहा कि देश के अन्नदाताओं के लिए भारतीय रेलवे हर संभव प्रयास कर रही है.
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दूध के ट्रांस्पोर्टेशन को लेकर भी किए गए खास इंतजाम
भारतीय रेलवे ने देश भर में दूध को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए खास तरह की दूध की वैन (Rail Milk Tank) तैयार की है. इस दूध की वैन की क्षमता 44,660 लीटर की है. इस वैन की क्षमता पहले की वैन की क्षमता की तुलना में लगभग 12 फीसदी अधिक है. इस वैन का इंटीरियर स्टेनलेस स्टील का है. ये वैन 110 किलोमीटर प्रति घंटा की क्षमता से दूध को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकती है.
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किसानों को मिलेगा फायदा
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