भारतीय रेलवे में बड़े बदलाव की तैयारी, प्राइवेट कंपनियों को किराए पर मिलेगी ट्रेनें, जानें डीटेल्स
Indian Railways Plans to Lease: भारतीय रेलवे द्वारा चलाए जाने वाली सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य पर्यटक सर्किट ट्रेनों का अब प्राइवेट कंपनियां भी हिस्सा बन सकती है.
'कम से कम 16 कोच वाली ट्रेन होगी खरीदनी'. (फाइल फोटो)
'कम से कम 16 कोच वाली ट्रेन होगी खरीदनी'. (फाइल फोटो)
Indian Railways Plans to Lease: भारतीय रेलवे (Indian Railways) में सफर करने वाले यात्रियों के लिए एक जरूरी खबर सामने आ रही है. भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने लीजिंग कॉन्सेप्ट को प्रमोट करते हुए एक बड़ा फैसला लिया है. भारतीय रेलवे द्वारा चलाए जाने वाली सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य पर्यटक सर्किट ट्रेनों का अब प्राइवेट कंपनियां भी हिस्सा बन सकती है. वह रेलवे कोच किराए पर लेने और खरीदने का काम कर सकेगी.
रेलवे ने शनिवार को एक विज्ञप्ति जारी कर इस बात की घोषणा की. विज्ञप्ति में कहा कि परियोजना की नीति और नियम व शर्तें तैयार करने के लिए रेल मंत्रालय की ओर से कार्यकारी निदेशक स्तर की समिति का गठन किया गया है.निजी कंपनियों को ट्रेन कैसे किराये पर मिलेगी, इसके लिए सोच-विचार किया जा रहा है. किराए पर ट्रेनें मिलने के बाद कंपनी कल्चरल, रिलिजन और अन्य तरह के थीम पर ट्रेनों को डिजाइन कर सकेगी.
Railways plan to spread Rail based tourism among masses through leasing of coaching stock to interested parties to run them as theme based cultural, religious and other Tourist Circuit train.https://t.co/FfubyYvETf pic.twitter.com/gl88P5QsHM
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) September 11, 2021
'कम से कम 16 कोच वाली ट्रेन होगी खरीदनी'
भारतीय रेलवे की ओर से कहा गया कि इच्छुक पार्टियों को थीम आधारित सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य पर्यटक सर्किट ट्रेनों के रूप में चलाने के लिए कोचिंग स्टॉक को पट्टे पर देकर जनता के बीच रेल आधारित पर्यटन का प्रसार करने की योजना है. पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक, योजना यह है कि इच्छुक पार्टियों को कम से कम 16 कोच वाली ट्रेन खरीदनी होगी या लीज पर लेनी होगी. जिसके बाद वह उन कोचों को रेलवे के गाइलाइंस को ध्यान में रखते हुए अपने हिसाब से यात्रियों के लिए तैयार कर सकेंगे.
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इतने समय के लिए लीज पर कोच खरीद सकेंगी कंपनियां
कोच में बड़े बदलाव करने की अनुमति रेलवे की ओर से नहीं दी जाएगी. कंपनियां सिर्फ थोड़ा-बहुत चेंज कर उसको और आकर्षक बनाने का काम करेगी. लीजिंग कम से कम 5 साल के समय के लिए कंपनियों को सौंपा जाएगा. इच्छुक पार्टी अपना व्यवसाय मॉडल रेलवे के पास पेश करेगी. इसके बाद रेलवे उनके प्लान को देखकर इस बात का फैसला करेगा कि किस कंपनी को कोच या ट्रेन लीज पर देनी चाहिए. एक कंपनी को कम से कम एक ट्रेन में जितने कोच होते हैं उतने किराये पर लेने होंगे.
07:07 PM IST