क्या म्यूचुअल फंड में साइज को देखकर निवेश करना चाहिए? जानें क्यों है इतना जरूरी
म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश शुरू करते समय हम फंड की रिटर्न हिस्ट्री देखते हैं. बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान फंड का प्रदर्शन देखते हैं. लेकिन एक और जरूरी चीज जो कई बार आपको देखनी पड़ती है, वो है फंड साइज.
'जी बिजनेस' की खास पेशकश MF हेल्पलाइन.
'जी बिजनेस' की खास पेशकश MF हेल्पलाइन.
म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश शुरू करते समय हम फंड की रिटर्न हिस्ट्री देखते हैं. बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान फंड का प्रदर्शन देखते हैं. लेकिन एक और जरूरी चीज जो कई बार आपको देखनी पड़ती है, वो है फंड साइज. फंड साइज का भी काफी हद तक आपके निवेश पर असर पड़ता है. तो आखिर क्यों फंड साइज देखना चाहिए? फंड साइज चेक करना कितना जरूरी है? फंड साइज बड़ा है तो निवेश पर इसका क्या असर होगा? और फंड साइज का रिटर्न पर क्या असर पड़ता है? 'जी बिजनेस' ने अपनी खास पेशकश MF हेल्पलाइन में इन सब मुद्दों पर JS फाइनेंशियल एडवायजर्स के फाउंडर जितेंद्र सोलंकी से बात की.
फंड साइज से मतलब?
जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि फंड साइज का मतलब पैसों का मैनेजमेंट है. ज्यादा मनी मैनेजमेंट, फंड साइज उतना बड़ा. जितना कम, फंड साइज उतना ही छोटा होगा.
जब फंड साइज हो बड़ा
> जब किसी फंड का साइज बड़ा होता है
> ऐसे में दो चीजों पर इसका असर पड़ता है
> स्टॉक्स में नकदी, करीब से नजर रखने की क्षमता
> शेयर बाजार में हजारों स्टॉक्स मौजूद
> 200-300 ही होते हैं निवेश के लिए अच्छे
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क्या फंड साइज देखना जरूरी है?
> कुछ हद तक फंड साइज को आंका जा सकता है
> सिर्फ फंड साइज देख कर निवेश करना सही नहीं
> निवेश हर पहलू को देखकर किया जाना चाहिए
> इसमें रिटर्न हिस्ट्री और अन्य फैक्टर शामिल
फंड साइज से बढ़ेगी चुनौती?
> फंड साइज बढ़ने पर चुनौतियां तो पेश आएंगी
> फंड साइज बड़ा होने का मतलब बुरा रिटर्न नहीं
> कई बड़े फंड बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं
> फंड साइज बढ़ने पर प्रदर्शन अच्छा होगा या बुरा
> ये फंड का प्रबंधन कैसा है? इस पर निर्भर है
चुनौतियों से कैसे निपटते हैं फंड?
> चुनौतियों से निपटने को कई तरीके अपनाते हैं
> कई फंड्स मिड, स्मॉल कैप में निवेश कम करते हैं
> लार्ज कैप में निवेश को बढ़ाने पर फोकस करते हैं
> नकदी की दिक्कत से निपटने में मिलती है मदद
चुनौतियों से कैसे निपटते हैं फंड?
> ये फंड लंबी अविध के लिए निवेश होल्ड करते हैं
> इससे खर्च कम करने में उन्हें मदद मिलती है
> जिन फंड्स को सब बेच रहे हैं, उनको खरीदते हैं
> ये कदम भी खर्च कम करने में मददगार होता है
> फंड एक्सपेंस रेशियो में भी बदलाव कर लेते हैं
फंड साइज और निवेशक
> जब किसी फंड का साइज बड़ा हो जाता है
> निवेशकों को फंड को रिव्यू करना चाहिए
> बाजार के उतार-चढ़ाव में फंड का प्रदर्शन देखें
> अगर फंड ने इस दौरान दिया है अच्छा रिटर्न
> ऐसे में फंड साइज से घबराने की जरूरत नहीं
> फंड मैनेजर अनुभवी होते हैं, ये भी है फायदेमंद
#LIVE | क्या फंड साइज को देखकर करें निवेश? जानें #MutualFundHelpline में @pallavi_nagpal के साथ। https://t.co/21QakefiKx
— Zee Business (@ZeeBusiness) June 18, 2019
निवेशक क्या करें?
> अगर फंड का साइज बड़ा हो रहा है
> निवेशक को रिव्यू करने की जरूरत
> निवेश के सभी मापदंडों पर करें रिव्यू
> साइज बढ़ने के बाद फंड का प्रदर्शन देखें
> संतोषजनक नहीं तो निकल सकते हैं
बड़ी AMCs
> AMC यानि असेट मैनेजमेंट कंपनी
> Aditya Birla Sun Life Frontline Equity Fund
> HDFC Balanced Advantage Fund
> HDFC Mid Cap Opportunities Fund
> ICICI Prudential Balanced Advantage Fund
> ICICI Prudential Blue Chip Fund
> Kotak Standard Multi Cap Fund
> SBI ETF Nifty 50
08:53 PM IST