Equity Taxation: शेयर बाजार को लेकर निवेशकों का आकर्षण लगातार बढ़ रहा है. बहुत से निवेशक सीधे शेयर में निवेश कर रहे हैं तो बहुत से निवेशक म्यूचुअल फंड के जरिए इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं. इक्विटी को लेकर क्रेज बढ़ना वाजिब भी है क्यों कि यहां आप अपने पैसे पर हाई रिटर्न पा सकते हैं. जहां सुरक्षित माने जाने वाले एफडी और आरडी जैसे विकल्पों पर रिटर्न घट रहा है, अब खास तौर से यंग इन्वेस्टर्स बाजार का रिस्क लेने का तैयार हैं. आपने अक्सर सुना होगा इस शेयर ने 5 साल में 60 फीसदी या 80 फीसदी रिटर्न दिया है. या इस शेयर ने शॉर्ट टर्म में जोरदार रिटर्न दिया. लेकिन बाजार से होने वाले मुनाफे पर टैक्स भी लगता है. इसलिए असल रिटर्न यह टैक्स कटने के बाद मिलेगा. अगर आप भी शेयर बाजार में पैसे लगाकर कमाई करना चाहते हैं तो पहले टैक्स का हिसाब किताब समझ लेना चाहिए.
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Long term Capital gains tax
शेयर में अगर 1 साल से ज्यादा समय के लिए निवेश करते हैं तो यह लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट होता है. लांग टर्म इन्वेस्टमेंट से मिलने वाले 1 लाख रुपये से ज्यादा रिटर्न पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म गेन्स टैक्स (Long term Capital gains tax) लगता है. यह टैक्स शेयर बेचने या म्यूचुअल फंड यूनिट बेचने पर मिलने वाले रिटर्न पर लगता है. (image: pixabay)
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Short term Capital gains tax
अगर इक्विटी में निवेश को 12 महीनों के अंदर भुनाते हैं तो यह शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट होता है और इस पर 15 फीसदी की दर से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (Short term Capital gains tax) लगता है. चाहे आप किसी टैक्स स्लब में हों. (reuters)
स्टॉक एक्सचेंज में बेचे और खरीदे जाने वाले स्टॉक पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) लगता है. शेयरों की बिक्री पर सेलर को 0.025 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. इक्विटी फंड की यूनिट्स की बिक्री पर 0.001 फीसदी टैक्स लगता है. (image: pixabay)
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Dividend Distribution Tax
म्यूचुअल फंड्स डिविडेंड पर जो टैक्स लगता है उसे डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) कहते हैं और इसे फंड हाउस द्वारा चुकाया जाता है. (reuters)
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