70 साल पुराना रिश्ता टूटा! टाटा संस में पूरी हिस्सेदारी बेचेगा शापूरजी पालोनजी ग्रुप
शापूरजी पालोनजी समूह (Shapoorji Pallonji Group) ने टाटा ग्रुप से अलग होने का मन बना लिया है. 70 साल का यह कारोबारी सफर अब खत्म होने वाला है.
शापूरजी पालोनजी समूह (Shapoorji Pallonji Group) साइरस मिस्त्री के परिवार का समूह है. (zeebiz.com)
शापूरजी पालोनजी समूह (Shapoorji Pallonji Group) साइरस मिस्त्री के परिवार का समूह है. (zeebiz.com)
शापूरजी पालोनजी समूह (Shapoorji Pallonji Group) ने टाटा ग्रुप से अलग होने का मन बना लिया है. 70 साल का यह कारोबारी सफर अब खत्म होने वाला है. मंगलवार को शापूरजी की तरफ से एक बयान में कहा गया- टाटा सन्स (Tata Sons) से बाहर निकलने का वक्त आ गया है. समूह पिछले 70 साल से टाटा सन्स के साथ है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में दोनों के रिश्ते में आई कड़वाहट के चलते अब इस जोड़ी के टूटने का वक्त आ गया है.
सुप्रीम कोर्ट में बताया अलग होने का कारण
शापूरजी पालोनजी समूह (Shapoorji Pallonji Group) साइरस मिस्त्री के परिवार का समूह है. शपूरजी पालोनजी समूह के मुताबिक, हमारा और टाटा का रिश्ता 70 साल पुराना है. यह आपसी विश्वास और दोस्ती पर बना था. मंगलवार को समूह ने सुप्रीम कोर्ट में ऐलान किया कि टाटा समूह से अलग होना जरूरी हो गया है. क्योंकि, इस मुकदमेबाजी से आजीविका और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है. भारी दिल से मिस्त्री परिवार यह मानता है कि सभी स्टेकहोल्डर समहों के लिए शपूरजी पालोनजी समूह और टाटा सन्स का अलग हो जाना ही अच्छा होगा.
बेची जाएगी पूरी हिस्सेदारी
शापूरजी पालोनजी ग्रुप की दो सब्सिडियरी कंपनियों-साइरस इनवेस्टमेंट और स्टर्लिंग इनवेस्टमेंट के जरिए टाटा संस में कुल 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है. टाटा संस की बाकी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप ने टाटा ट्रस्ट और ग्रुप की दूसरी कंपनियों के जरिए ली है. शापूरजी पालोनजी ग्रुप अब यह हिस्सेदारी बेचकर फंड जुटाएगा. टाटा ग्रुप की यह हिस्सेदारी खरीदार मिल गया है. शपूरजी पालोनजी समूह की 11,000 करोड रुपए के फंड जुटाने की योजना है. उसने टाटा संस में 18.37 फीसदी शेयरों के एक हिस्से में कनाडा के निवेशक के साथ 3,750 करोड़ रुपए के करार किए थे.
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बयान के मुताबिक, टाटा संस का कोष जुटाने के कदम को बाधित करना उसके बदला लेने वाली मन:स्थिति को प्रकट करता है. एस पी समूह ने कहा कि मौजूदा स्थिति और टाटा संस की बदले की कार्रवाई को देखते हुए दोनों समूह का एक साथ बने रहना व्यवहारिक नहीं रह गया है. टाटा संस प्रवक्ता से जब इस बारे में संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
क्या है पूरा मामला?
साइरस मिस्त्री को टाटा संस से अक्टूबर 2016 में बर्खास्त किये जाने के बाद से एस पी समूह और टाटा के बीच कानूनी जंग जारी है. बयान के मुताबिक, टाटा संस ने कोविड महामारी से उत्पन्न वैश्विक संकट के बीच, एस पी समूह को नुकसान पहुंचाने के लिए पूरे प्रयास किए हैं. मिस्त्री परिवार अपनी व्यक्तिगत संपत्ति के एवज में फंड जुटाने में लगा था. यह कदम 60,000 कर्मचारियों और 1,00,000 से ज्यादा प्रवासी कामगारों की आजीविका के लिए उठाया गया था.
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टाटा संस की तरफ से हरीश साल्वे और अभिषेक मनु सिंघवी केस लड़ रहे हैं. इनकी दलील है कि अगर कोई शेयर बेचता है तो कंपनी के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (AoA) के तहत सबसे पहले शेयर खरीदने का अधिकार टाटा संस के पास होगा. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शपूरजी पालोनजी के टाटा संस के शेयर बेचने पर 28 अक्टूबर तक की रोक लगा दी. शपूरजी पालोनजी ग्रुप के हिस्सेदारी गिरवी रखने पर रोक लगाने के लिए 5 सितंबर को टाटा ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
4 साल पहले रिश्तों में आई खटास
टाटा ग्रुप और शपूरजी पालोनजी समूह के रिश्तों में कड़वाहट अक्टूबर 2016 में उस वक्त पैदा हुई, जब साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन मद से हटा दिया गया. उसके बाद से टाटा ग्रुप और साइरस मिस्त्री के बीच दिसंबर 2016 से ही कानूनी लड़ाई चल रही है.
09:18 AM IST